सोचिए, आपकी सोसाइटी में अचानक चार फीट लंबा सांप निकल आए… आप क्या करेंगे? ज़्यादातर लोग डर से भाग जाते या शोर मचाते। लेकिन जब ये घटना मुंबई की एक सोसाइटी में हुई, तो वहां मौजूद एक शख्स ने न केवल बहादुरी दिखाई, बल्कि एक शानदार संदेश भी दिया। और वह कोई और नहीं, हमेशा मदद के लिए खड़े रहने वाले Sonu Sood थे।

क्या था मामला?
मुंबई की एक रिहायशी सोसाइटी में **चार फीट लंबा ‘रैट स्नेक’** दिखा। वहां मौजूद लोग सहम गए। तभी सोनू सूद वहां पहुंचे और बिना कोई हड़बड़ाहट दिखाए, **नंगे हाथों से सांप को सुरक्षित पकड़ लिया**। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया।
वीडियो में क्या खास था?
वीडियो में सोनू सांप को उठाते समय कहते हैं:
यह नॉन-वेनमस है, लेकिन सावधानी बहुत ज़रूरी है। किसी को भी बिना अनुभव के ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए। हमेशा एक्सपर्ट्स को बुलाना चाहिए।”
ये सिर्फ एक सांप पकड़ने का वीडियो नहीं था, बल्कि एक **सोच बदलने वाला मैसेज** था।
सोनू सूद: सिर्फ एक एक्टर नहीं, एक विचार
सोनू सूद लॉकडाउन के समय लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे थे। बसों से लेकर हवाई जहाज़ तक, उन्होंने हजारों लोगों को उनके घर पहुंचाया। लेकिन अब उन्होंने साबित कर दिया कि **मदद केवल इंसानों तक सीमित नहीं होती**, जानवरों की सुरक्षा भी हमारी ज़िम्मेदारी है।
सोशल मीडिया का मिला-जुला रिएक्शन
जहां कई लोगों ने उनकी तारीफों के पुल बांधे—“रियल हीरो”, “बहादुरी की मिसाल”—वहीं कुछ यूज़र्स ने वीडियो को “स्क्रिप्टेड” करार दिया।
एक यूज़र ने मजाक में लिखा,
सोनू सूद को अब ‘फॉरेस्ट डिपार्टमेंट’ का ब्रांड एंबेसडर बना देना चाहिए।”*
रैट स्नेक क्या होता है?
यह एक **नॉन-वेनमस** यानी **बिना ज़हर वाला सांप** होता है
इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता
आमतौर पर चूहे, पक्षी जैसे छोटे जीव खाता है
अक्सर शहरों के आसपास दिखता है
सावधानी ज़रूरी है, बहादुरी नहीं
सोनू सूद ने एक बड़ी बात बहुत सादगी से कह दी —
हमने पकड़ा क्योंकि हमें अनुभव है, लेकिन आप मत पकड़िए। प्रोफेशनल्स को ही बुलाइए।”*
सांप चाहे ज़हरीला हो या नहीं, बिना जानकारी उसे छूना **जानलेवा हो सकता है**।
क्या सीख मिलती है इस घटना से?
1. जानवरों से डरिए नहीं, समझिए
2. हर वायरल वीडियो सिर्फ ड्रामा नहीं होता, कई बार वो शिक्षा भी देता है
3. सेलिब्रिटी होने का मतलब केवल फिल्में करना नहीं, समाज के लिए रोल मॉडल बनना भी है
निष्कर्ष
चाहे यह घटना स्क्रिप्टेड रही हो या पूरी तरह असली, एक बात तो तय है — **सोनू सूद ने एक बहस शुरू कर दी है**। हम शहरों में जानवरों के साथ कैसे पेश आते हैं, यह सोचने की ज़रूरत है। और हां, **हीरो वही नहीं होता जो पर्दे पर दिखे — असली हीरो वो होता है जो डर से ऊपर उठकर दूसरों के लिए कुछ कर दिखाए**।
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